अटलांटिक महासागर की धाराएं

अटलांटिक महासागर की धाराएं – उत्तरी अटलांटिक महासागर की धाराएं, गर्म धारा, उत्तरी विषुवत रेखीय धारा, उत्तरी विषुवत रेखीय धारा, गल्फ स्ट्रीम धारा, फ्लोरिडा धारा, उत्तरी अटलांटिक धारा, नॉर्वे धारा, ठंडी धारा, कनारी धारा, लेब्राडोर धारा, पूर्वी ग्रीनलैंड ठण्डी धारा, सारगैसो सागर, दक्षिण अटलांटिक महासागर की धाराए, दक्षिण विषुवत रेखीय धारा, 

अटलांटिक महासागर का आकार अंग्रेजी अक्षर ‘S’ ( एस ) जैसा है अटलांटिक महासागर को दो भागों में बांटा गया है उत्तरी अटलांटिक महासागर तथा दक्षिण अटलांटिक महासागर

1 ) उत्तरी अटलांटिक महासागर की धाराएं –

i ) गर्म धारा

उत्तरी विषुवत रेखीय धारा – यह अफ्रीका के पश्चिम तट से जहां पर कनारी ठंडी धारा का जल इसे धकेलता है यह धारा प्रारंभ होकर व्यापारिक हवाओं के प्रभाव में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर प्रवाहित होती है दक्षिण अमेरिका के पूर्वी तट के  अवरोध के कारण इसका दो शाखाओं में विभाजित हो जाता है पहली शाखा एंटिलिज धारा के नाम से जाना जाता हैl

गल्फ स्ट्रीम धारा – यह धारा 20° उत्तरी अक्षांश के पास मेक्सिको की खाड़ी से उत्पन्न होकर उत्तर पूर्व दिशा की ओर 70° अक्षांश तक पश्चिम यूरोप के पश्चिम तट तक प्रवाहित होती है मेक्सिको की खाड़ी में उत्पन्न होने के कारण इसे खाड़ी की धारा के नाम से जाना जाता है फ्लोरिडा धारा जब एंटलिज धारा से हटेरस अंतरीप के आगे मिल जाती है तब हटेरस अंतरिप से न्यूफाउंडलैंड के समीप स्थित ग्रैंड बैंक तक इस धारा को गल्फ स्ट्रीम कहते हैंl यह एक गर्म जलधारा है गल्फ स्ट्रीम को मेक्सिको की खाड़ी के पर्याप्त मात्रा में उष्ण जल प्राप्त होता है जिसे यह ठंडे इलाकों में पहुंचा देती हैl

फ्लोरिडा धारा – फ्लोरिडा जलडमरू मध्य सें हटेरस अंतरीप के मध्य उत्तर की ओर प्रवाहित होने वाली जलधारा को फ्लोरिया धारा कहते हैं यह व्यापारिक पवनों से प्रभाव से यह धारा के रूप में मेक्सिको की खाड़ी के तट के साथ साथ बहने के बाद फ्लोरिडा के मुहाने से होकर खुले महासागर में निकलता है फ्लोरिडा अंतरीप से यह सम्मिलित धारा संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिण- पूर्व तट पर बहने लगती है यह गर्म धारा है

उत्तरी अटलांटिक धारा – 45° उत्तरी अक्षांश तथा 45° पश्चिम देशांतर के पास ग्रेड बैंक से गल्फ स्ट्रीम पछुवा पवन के प्रभाव में आकर कई शाखाओं में विभाजित हो जाता है इन सभी शाखाओं को सम्मिलित रूप में उत्तरी अटलांटिक धारा के नाम से पूर्व की ओर बहती है यह भी गर्म धारा हैl

नॉर्वे धारा – अटलांटिक महासागर के पूर्वी भाग में पहुंचकर उत्तरी अटलांटिक अपवाह धारा दो भागों में बँट जाती है इसकी मुख्य धारा ब्रिटिश द्वीप समूह से होती हुई नॉर्वे के तट तक पहुंच जाती है यहाँ इसे नॉर्वे धारा के नाम से जाना जाता है यह गर्म धारा है और आगे आर्कटिक महासागर में प्रवेश करती हैl

ii ) ठंडी धारा

कनारी – कनारी धारा एक ठण्डी धारा है, जो उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी तट के सहारे मडेरिया तथा केपवर्ड के बीच में प्रवाहित होती है वास्तव में कनारी धारा उत्तर अटलांटिक धारा का ही बढा हुआ दक्षिणी भाग है, जो स्पेन तट से मुड़कर दक्षिण की ओर कनारी द्वीप से होकर उत्तरी अफ्रीका के पश्चिमी तट के सहारे अग्रसर होती है आगे चलकर यह विषुवत रेखीय धारा से मिल जाती हैl

लेब्राडोर धारा – लेब्राडोर धारा एक ठंडी धारा है यह धारा बेफिन की खाड़ी तथा डेविस जलडमरूमध्य से लेब्राडोर के तट के साथ उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है ग्रीनलैंड के दक्षिणी किनारे पर पूर्वी ग्रीनलैंड धारा भी इससे आ मिलती है यह संयुक्त धारा आगे दक्षिण में चलकर गल्फ स्ट्रीम से मिलती है गर्म तथा ठंडे जल के मिलने से न्यूफाउंडलैंड के आसपास घना कुहासा छाया रहता हैl

पूर्वी ग्रीनलैंड ठण्डी धारा – यह ग्रीनलैंड के पूर्वी तट के साथ-साथ उत्तर से दक्षिण की ओर चलती हैl

सारगैसो सागर – उत्तरी अटलांटिक महासागर में गल्फ स्ट्रीम, कनारी तथा उत्तरी विषुवतीय  धाराओं के चक्र के बीच स्थित शांत जल क्षेत्र को सारगैसो सागर कहते हैं इसके तट पर मोटी समुद्री घास तैरती रहती है घास को पुर्तगाल भाषा में सारगैसम कहते हैं जिसके नाम पर इसका नामकरण सारगैसो सागर रखा गया हैl

2 ) दक्षिण अटलांटिक महासागर की धाराएं –

गर्म धारा –

दक्षिण विषुवत रेखीय धारा – यह धारा भी पश्चिम अफ्रीका तथा पूर्व दक्षिण अमेरिका के तटों के मध्य 0° से 20° द. अक्षांशो के मध्य प्रवाहित होती है यह धारा उत्तर विषुवत रेखीय धारा से अधिक स्थायी तथा प्रबल होती है वास्तव में यह धारा बेंगुला धारा का ही अग्रभाग है ब्राजील तट के पास इस धारा के दो भागों में बट जाती है एक धारा उत्तर पश्चिम में उत्तरी विषुवत रेखीय धारा से मिलती है दूसरी शाखा दक्षिण की ओर मुड़ जाती है तथा ब्राजील धारा को जन्म देती है यह धारा व्यापारीक पवन से प्रेरित होकर पूर्व से पश्चिम दिशा में अग्रसर होती हैl

ब्राजील धारा – ब्राजील धारा की उत्पत्ति दक्षिण भूमध्यरेखीय धारा की एक शाखा के रूप में होती है यह लवणता युक्त गर्म जल की धारा है दक्षिणी  भूमध्यरेखीय धारा का अग्र भाग होने के कारण इस धारा का जल आसपास के जल से गर्म रहता है 30° दक्षिणी अक्षांश तक चलने के बाद यह धारा फोकलैंड की ठंडी धारा से मिल जाती हैl

ठंडी धारा –

फोकलैंड धारा – अंटार्कटिक महासागर से उत्पन्न होने वाली एक ठंडे जल की राशि है जो दक्षिण अमेरिका के पूर्वी तट के सामानांतर उत्तर दिशा की ओर बहती है 40° अक्षांशों के पास यह धारा ब्राजील की गर्म धारा से मिलकर पछुआ पवन के प्रभाव से पूर्व की ओर बहने लगती हैl

दक्षिण अटलांटिक धारा – तीव्रगामी पछूवा पवनों के प्रभाव से ब्राजील धारा तथा फोकलैंड धारा का संयुक्त जल पश्चिम से पूर्व की ओर ड्रिफ्ट के रूप में बहने लगता है इसे दक्षिणी अटलांटिक महासागर प्रवाह कहते हैंl

बेंगुला धारा – अफ्रीका के आशा अंतरीप के निकट दक्षिणी अटलांटिक महासागर ड्रिफ्ट दो शाखाओं में बट जाती है एक शाखा अफ्रीका के दक्षिण में बह जाती है और दूसरी शाखा पश्चिम तक के साथ दक्षिण में उत्तर की ओर बहती है यह ठंडे क्षेत्र से गर्म क्षेत्र में जाती है इसलिए बेंगुला ठंडी धारा कहलाती है उत्तर की ओर बहती हुई यह धारा अंत में मिलकर दक्षिण अटलांटिक महासागर का चक्र पूरा करती हैl

प्रतिविषुवत रेखीय धारा – विषुवतरेखीय प्रति धारा की उत्पत्ति उत्तरी विषुवतरेखीय धारा तथा दक्षिणी विषुवतरेखीय धारा के मध्य होती है इसकी उत्पत्ति का मुख्य कारण पृथ्वी परिभ्रमण बताया जाता है दूसरा कारण विषुवत रेखा के दोनों ओर स्थित उत्तर तथा दक्षिण धाराओं द्वारा पूर्वी अटलांटिक सागर के जल का पश्चिम किनारों की ओर जमा होता है इस कारण पश्चिमी भागों में जल स्तर ऊंचा हो जाता है जबकि पूर्वी भागों में जल तल नीचा हो जाता है इस जल की क्षतिपूर्ति के लिए इस धारा की उत्पत्ति होती है यह धारा पश्चिम से पूर्व की ओर चलती हैl

 

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