ज्वालामुखी के प्रकार, ज्वालामुखी कैसे फटता है

ज्वालामुखी प्राय: एक गोल कुछ गोल आकार का क्षेत्र अथवा खुला भाग होता हैl जिससे होकर पृथ्वी के अत्यंत तप्त भूगर्भ से गैस, तरल लावा, जल एवं चट्टानों के टुकड़ों से युक्त गर्म पदार्थ पृथ्वी के धरातल पर प्रकट होते हैं इसे ही ज्वालामुखी कहते हैंl या ज्वालामुखी का तात्पर्य उस छिद्र अथवा दरार से होता है जिससे होकर गर्म लावा, गैस, पत्थर के टुकड़े तथा धूल आदि निकला करते हैंl

लावा किसे कहते हैं?

उद्गार के साथ तप्त भूगर्भ से गैस, द्रवरूप मैग्मा, जल के टुकड़े, बाहर आते हैं तो उसे लावा कहते हैं. मैग्मा, भूपृष्ठ के अंदर तरल लावा को ही मैग्मा कहते हैं.

ज्वालामुखी कैसे फटता है

वे ज्वालामुखी जिनके छिद्र की व्यास कुछ 100 फीट से अधिक नहीं होती और आकार गोल होता है तथा जिनसे गैस, लावा तथा विखंडित पदार्थ अधिक मात्रा में विस्फोटक उदभेदन से साथ आकाश में काफी ऊंचाई तक प्रकट होते हैं केंद्रीय उद्गार वाले ज्वालामुखी कहते हैं केंद्रीय उद्गार प्राय: एक संकरी नली या द्रोणी के सहारे एक छिद्र से होता हैl जब लावा के साथ जब गैस की मात्रा अधिक होती है तो ऊपरी दबाव कम होने पर ये गैस बड़ी तीव्रता से भूपटल के नीचे भाग पर धक्के लगाती है तथा जहां कहीं भी भूपटल कमजोर मिलता है वहां पर गैस इन्हे तोड़कर भयंकर आवाज करती हुई अत्यधिक तीव्रता के साथ धरातल पर प्रकट होती हैl इस प्रकार के ज्वालामुखी अत्यधिक विनाशकारी होते हैं

उदभेदन के प्रकार ( Types of Eruption )

उद्भेदन के प्रकार के आधार पर ज्वालामुखी को मुख्य रूप से निम्न प्रकारों में विभक्त किया गया है

1 ) हवाई तुल्य ज्वालामुखी

इस प्रकार के ज्वालामुखीयों का उद्गार शांत ढंग से होता है तथा विस्फोटक बहुत कम होता है इसका मुख्य कारण लावा का पतला होना तथा गैस की तीव्रता में कमी का होना हैl इस तरह का उद्गार खासकर हवाई द्वीप पर होता है जिस कारण इस प्रकार के ज्वालामुखीयों का नामकरण ‘ हवाई प्रकार के ज्वालामुखी ‘ किया गया है लावा बिन्दुओ से निर्मित लाल धागों के रूप में पतले पिंडो को वायु उड़ा ले जाती है और वहाँ के निवासी इसे अपनी अग्नि देवी लीनी की केस राशि समझते हैं.

2 ) स्ट्राम्बोली तुल्य ज्वालामुखी

इस प्रकार का ज्वालामुखी प्रथम प्रकार की अपेक्षा कुछ अधिक तीव्रता से प्रकट होता है. जब गैसों के मार्ग में रुकावट होती है तो कभी-कभी विस्फोटक उद्गार भी होते हैं इस प्रकार का उद्गार भूमध्य सागर में सिसिली द्वीप के उत्तर में स्थित लिपारी दीप के स्ट्राम्बोली ज्वालामुखी में पाया जाता है स्ट्राम्बोली से सतत उद्भेदन होता रहता है इसलिए स्ट्राम्बोली को भूमध्य सागर का प्रकाश स्तंभ ( प्रकाश गृह ) कहा जाता हैl

ज्वालामुखी Volcanoes

3 ) वलकेनियम तुल्य ज्वालामुखी 

इस प्रकार का Volcanoes प्रातः विस्फोट एवं भयंकर उद्गार के साथ ही प्रकट होते हैं इससे निस्सृत लावा इतना चिपचिपा तथा लसदार होता है कि इस में राख लदी गैस ऊपर उठकर बड़े गहरे रंग के गोभी के फूल के प्रकार के मेघो का निर्माण करती है इस राख का पवनों द्वारा विस्तृत क्षेत्र में वितरण होता है इसका नामकरण भूमध्य सागर में स्थित लिपारी द्वीप के ज्वालामुखी वलकैनो के आधार पर किया गया हैl

4 ) पीलियन तुल्य ज्वालामुखी

पीलियन प्रकार के ज्वालामुखी सबसे अधिक विनाशकारी होते हैं तथा इनका उद्गार सबसे अधिक विस्फोटक एवं भयंकर होता है इनसे निकलने वाला लावा अधिक चिपचिपा तथा लसदार होता है. इस प्रकार का उद्गार 1902 ई. में पश्चिम दीप समूह के मार्टीनिक पर पीली ज्वालामुखी का विनाशकारी उद्भेदन हुआ. इसी आधार पर अत्यधिक विस्फोटक उद्गार वाले ज्वालामुखीयों का ‘पीली तुल्य ज्वालामुखी’ कहते हैं.फिलिपाइस के हिबक- हिबक ऐसे ही Volcanoes हैl

5 ) विसुवियस तुल्य ज्वालामुखी

इनका उद्गार भयानक विस्फोट के साथ होता है इसमे लावा के साथ गैसों का सम्मिश्रण अधिक होता है और आकृति गोभी के फूल के सामान हो जाती है विसूवियस उद्गार का प्रमुख उदा. माउन्ट सोमा का Volcanoes है.

ज्वालामुखी के प्रकार ( Types of Volcanoes )

1 ) सक्रिय ज्वालामुखी Active Volcanoes

सक्रिय ज्वालामुखी किसे कहते है?

इसे जाग्रत ज्वालामुखी भी कहते हैं इनका मुख खुला रहता है इनसे सदैव लावा, विभिन्न प्रकार की गैस, जलवाष्प, धूल, राख एवं धुआं निकलते रहते हैं इसे सक्रिय ज्वालामुखी कहते है वर्तमान में इनकी संख्या 500 से अधिक है हवाई द्वीप का किलायू, सिसली द्वीप का माउंट एटना, लिपारी द्वीप का स्ट्राम्बोली, इक्वेडोर का कोटोपैक्सी, अंटार्कटिका का माउंट इरेबस, हवाई द्वीप का मोनालोवा, अर्जेंटीना में चिली की सीमा पर स्थित ओजल डेल सालाडो, कुछ महत्वपूर्ण जागृत ज्वालामुखी है भारत में एकमात्र जागृत ज्वालामुखी अंडमान निकोबार द्वीप समूह के बैरन द्वीप में है

2 ) प्रसुप्त ज्वालामुखी ( Dormant Volcanoes )

इस प्रकार के Volcanoes में दीर्घकाल से उद्भेदन नहीं हुआ होता है किंतु इसकी संभावनाएं बनी रहती है ये जब कभी अचानक क्रियाशील हो जाते हैं तो जा-धन की अपार क्षति होती है इटली का विसूवियस Volcanoes कई वर्ष तक प्रस्तुत करने के पश्चात 1931 में अचानक फूट पड़ा, क्राकाटा इस प्रकार के उदाहरण है जो अभी प्रसुप्त हैl भारत में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के नारकोंडम द्वीप में प्रसुप्त ज्वालामुखी है.

3 ) शांत ज्वालामुखी ( Extinct Volcanoes )

इस प्रकार के ज्वालामुखी में विस्फोट प्राय: बंद हो जाते हैं और भविष्य में भी कोई विस्फोट होने की संभावना नहीं होती है इसके मुख में ज लआदि भर जाता है वह झील का निर्माण होता है जिसे क्रेटर झील कहते है उदाहरण म्यानमार का पोपा, ईरान का कोह-सुल्तान एवं देवबंद, एंडीज पर्वत श्रेणी का एकांकागुआ शांत Volcanoes है

ज्वालामुखी

ज्वालामुखी पर्वत – ज्वालामुखी पर्वत जब Volcanoes उद्गार से शंकु बहुत बड़े आकार के हो जाते हैं तो Volcanoes पर्वतों का निर्माण होता है इस प्रकार के पर्वत इटली जापान तथा अलास्का में पाए जाते हैंl

 

 

यह भी पढ़े – प्लेट विवर्तनिक सिध्दांत 

Leave a Comment

error: Content is protected !!