प्रवाल विरंजन क्या है, प्रवाल विरंजन के कारण

 

प्रवाल विरंजन है – प्रवाल विरंजन का सामान्य अर्थ होता हैl शैवाल ( algae ) का श्वेत रंग होती से प्रकाश संश्लेषण न होने के कारण शैवाल के अभाव में प्रवाल का मर जानाl मतलब प्रवाल भित्ती जीवो में रंग का ह्रास होने से उनके सफेद होने की परिघटना coral bleaching कल आती हैl

coral bleaching का मुख्य कारण समुद्री जल के तापमान में वृद्धि होने से प्रवालों के प्रमुख मुख्य भोजन हरे रंग के शैवालों का सफेद होना हैl इस प्रक्रिया में प्रवालों का प्रमुख सहजीवी शैवालो जुक्सान्थेल ( zooxanthallae ) इसके अलग हो जाता हैl प्रवाल भिंत्तियों के संघटक मिश्रण पोषी जीवो का ये शैवाल पोषण करते हैं. ये शैवाल हरे रंग के होने के कारण भी एक तरह का पौधा ही होता है जो प्रकाश संश्लेषण में सहायक होते हैंl

शैवाल का विरंजन होने ( रंग बदलकर सफेद होने ) से प्रकाश संश्लेषण नहीं होता है. फलस्वरूप प्रवालों के प्रमुख सहजीवी एवं आहार शैवाल समाप्त हो जाते हैंl तथा भोजन आपूर्ति न होने से प्रवाल भी मर जाते हैं यह प्रक्रिया प्रवाल विरंजन कहलाती है.

भूमंडलीय ताप वृद्धि ( ग्लोबल वार्मिंग ) को coral bleaching का प्रमुख कारण चिन्हित किया है 1997- 98 में महासागरीय जल के तापमान में औसत से 2°c की वृद्धि होने से 60 से अधिक देशों उष्णकटिबंधीय सागरों में भारी स्तर पर coral bleaching होने के  कारण प्रवालों की सामूहिक मृत्यु होने से प्रवाल विनाश की स्थिति उत्पन्न हो गईl जब सागरीय जल के औसत सामान्य तापमान से 1° c से अधिक वृद्धि हो जाती है तो शैवाल का रंग सफेद हो जाता हैl

क्लाइव विलकिंसन ने प्रवाल निरंजन के चार स्तरों का निर्धारण किया है

1 ) कैटास्ट्राफिक विरंजन – जब 70% तक प्रवाल दुष्प्रभावित हो जाते हैं. 1997 98 में मालदीव, श्रीलंका, सिंगापुर तथा तंजानिया के छिछले सागरों में 95% तक प्रवालों पर विरंजन का दुष्प्रभाव पड़ा था

2 ) प्रचंड विरंजन – जब 50 से 70% प्रवाल विरंजन के कारन मर जाते हैं केनिया, सेचलीस, थाईलैंड तथा वियतनाम के सागरीय भागों में प्रचंड coral bleaching हुआ थाl

3) सामान्य विरंजन – इस के अंर्तगत 20 – 50 % प्रवाल विरंजन का शिकार हो जाते है परन्तु इनका शीघ्र ही पुनर्जीवन हो जाता है

4 ) नगण्य विरंजन – का प्रभाव नगण्य होता है क्यों की प्रवाल इसे बर्दास्त कर लेते है

1997- 98 में भारत के अंडमान एवं निकोबार द्वीप में बड़े पैमाने पर प्रवाल विरंजन की घटना हुई थी जिसमे 30 से 70 % तक coral bleaching  हो गया था.

प्रवाल विरंजन के कारण :

  1.  प्रमुख कारण जो है वह भूमंडलीय तापवृध्दी है जिसके कारण प्रवालों की मृत्यु होती है
  2. एलनिनो घटना का सम्बन्ध coral bleaching से जोड़ा गया है इसका प्रभाव सिमित क्षेत्रो मे होता है l
  3. ब्लैक बैड रोग, कोरल प्लेग, एस्परजिलोसिस तथा ह्वाइट बैण्ड रोग, के महामारी रूप ले लेने से प्रवंलो में व्यापक स्तर पर मृत्यु होने लगाती है

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