माल्थस का जनसंख्या सिध्दांत Malthusian Theory

माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत प्रसिद्ध ब्रिटन अर्थशास्त्री और जनसंख्यिकीय विचारक थॉमस रॉबर्ट माल्थस अपने जनसंख्या वृद्धि सिद्धांत के कारण प्रसिद्ध हैl माल्थस विश्व के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने सन 1793 में प्रकाशित अपने Principle of Poputation नामक निबंध में जनसंख्या वृद्धि संबंधी जैविक अवधारणा का प्रतिपादन कियाl उनका सामान्य विचार था कि भरण पोषण के साधनों की अपेक्षा जनसंख्या की बढ़ने की प्रवृत्ति अधिक तीव्र होती हैl उनके अनुसार जब तक जनसंख्या निरोधक और सकारात्मक रूप से नियंत्रित नहीं की जाती जनसंख्या में तीव्र वृद्धि सभी आर्थिक लाभों को सोख लेती है उनके विचार से यदि जनसंख्या अनियंत्रित रहती है तब वह ज्यामितीय गति से बढ़ती है ( अर्थात 1,2,4,8,16,32………) जबकि भरण पोषण के साधन गणितीय गति ( 1,2,3,4,5,6………..) से बढ़ते हैं प्रत्येक 25 वर्ष के पश्चात जनसंख्या दुगनी हो जाती है और दो शताब्दियों में जनसंख्या और भरण-पोषण के साधनों में अंतर 256 और 9, और 3 शताब्दियों में यह 4096 और 13, दो हजार वर्षो में यह अंतर लगभग अनिश्चित हो जाएगाl माल्थस का सिद्धांत ( माल्थस का जनसंख्या सिद्धांत ) स्पष्ट करता है कि

  1. भरण -पोषण के साधनों द्वारा जनसंख्या अनिवार्यत: सीमित रहती है
  2. जहां भरण- पोषण के साधनों में वृद्धि होती है वहां जनसंख्या में निरंतर वृद्धि होती है जबकि जनसंख्या को बहुत प्रभावशाली और सुस्पष्ट साधनों को द्वारा रोका नहीं जाता
  3. ये नियंत्रित और जनसंख्या की श्रेष्ठ शक्ति का जो नियंत्रण दमन करते हैं और भरण- पोषण के साधनों के स्तर पर अपना प्रभाव बनाए रखते हैं इन सभी का नैतिक संयम, व्यभिचार और विपत्तियो द्वारा निराकरण संभव है

माल्थस का विश्वास था कि जीवन बनाए रखने के लिए दो आवश्यक विशेषताएं अनिवार्य है और वह नियम विरोधात्मक है

i ) मानव के जीवित रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है

ii ) स्त्री और पुरुष के बीच कामुक आवेग.

जनसंख्या और भरण- पोषण के बीच चौड़ी होती खाई और बढ़ती जाएगी क्योंकि भरण-पोषण के साधनों पर मनुष्य के दबाव की प्रवृत्ति होती हैl अतः उत्पादन चाहे कितना भी बढ़ जाए जनसंख्या की वृद्धि दर उससे हमेशा अधिक रहेगीl अततः मानव की संख्या भूखमरी, बीमारी, युद्ध, लूट-पाट आदि का शिकार होकर कम हो जाएगी इस प्रकार खाद्य सामग्री की उपलब्ध मात्रा जनसंख्या का सबसे बड़ा नियंत्रक है जहां प्रचुर खाद्य सामग्री उपलब्ध होगी वहां मृत्यु दर कम होगी और जनसंख्या तीव्र गति से बढ़ेगी इसके विपरीत जहां खाद्य सामग्री पर्याप्त मात्रा में नहीं होगी वहां भुखमरी, महामारी एवं अन्य बीमारियों आदि से मृत्यु दर अधिक होगी और जनसंख्या कम करने का सामान्य उपाय माना है.

माल्थस की आलोचना के मुख्य बिंदु :

  • स्त्री और पुरुष के बीच आवेग संबंधी माल्थस की मान्यताओं पर प्रश्नचिन्ह इस आधार पर लगाया गया कि स्त्री और पुरुष की इच्छा को कामवासना की इच्छा के साथ नहीं जोड़ा जा सकता है योन पिपासा एक जैविक नैसर्गिक मूल प्रवृत्ति हैl जबकि स्त्री पुरुष के लिए इच्छा करना एक सामाजिक नैसर्गिक मूल प्रवृत्ति हैl
  • माल्थस की 25 वर्ष की अवधि में जनसंख्या के अपने आप दुगनी हो जाने की मान्यता भी कहीं भी वास्तविकता के निकट दिखाई नहीं देती है जनसंख्या का अपने आप दुगनी होने का समय भिन्न-भिन्न देशों और प्रदेशों में भिन्न होता है
  • माल्थस ने सकारात्मक विरोध पर अधिक जोर दिया है तथा निवारक निरोध जैसे की गर्भनिरोध और परिवार नियोजन की भूमिका की कल्पना तक नहीं की थी

 

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