हिन्द महासागर की धाराएं

हिन्द महासागर की धाराएं – हिंद महासागर की धाराओं में प्रशांत तथा अटलांटिक महासागर की धाराओं की तुलना में कुछ भिन्नता पाई जाती हैl उत्तरी हिंद महासागर में उत्तर- पूर्व तथा दक्षिण- पश्चिम मानसूनी हवाओं के कारण धाराओं की दिशाओं में वर्ष में दो बार परिवर्तन होता हैl यह उत्तर में भारत पूर्व में ऑस्ट्रेलिया तथा पश्चिम में अफ्रीका से घिरा हुआ हैl विषुवत रेखा के उत्तर में इसका विस्तार बहुत कम है इसलिए इसकी धाराओं पर प्रचलित मानसून पवनों का अति प्रबल प्रभाव होता हैl

उत्तर हिंद महासागर की धाराएं ( हिन्द महासागर की धाराएं )

उत्तरी पूर्व मानसून धारा – शरद काल ( उत्तर गोलार्ध ) में उत्तर पूर्व मानसून हवाएं स्थल से जल की ओर चलती हैl जिस कारण उत्तरी हिंद महासागर में अंडमान तथा सोमाली के बीच पश्चिम दिशा में प्रवाहित होने वाली उत्तर पूर्व मानसून धारा का जन्म होता है यह धारा उत्तर अक्षांश के दक्षिण से होकर प्रभावित होती है यह गर्म जलधारा है

विरुद्ध विषुवतीय धारा – पश्चिम में 2°- 8° दक्षिणी अक्षांश में जंजीबार द्वीप के निकट से आरंभ होकर सुमात्रा तक पूर्व की ओर प्रवाहित होने वाली गर्म जलधारा को विरुद्ध विषुवतीय धारा कहते हैं

दक्षिण पश्चिम मानसून धारा – ग्रीष्म ऋतु में दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभावाधीन जल प्रवाह पश्चिम से पूर्व की ओर होने लगता है और दक्षिण पश्चिम मानसून धारा का आविर्भाव होता है यह धारा अफ्रीका के पूर्वी भाग में उत्पन्न होकर पूर्व दिशा की ओर बहती हुई अरब सागर की परिक्रमा करती है इस ऋतु में उत्तर भूमध्यरेखीय धारा तथा विपरीत भूमध्यरेखीय दोनों ही पूर्णता समाप्त हो जाती हैl

विषुवत रेखीय धारा – दक्षिण हिंद महासागर में मानसूनी हवाओं के मौसमी परिवर्तन का प्रभाव धाराओं पर अत्यंत कम होता है अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के तटों के मध्य अक्षांशो के बीच मध्य पूर्व से पश्चिम दिशा में प्रवाहित होने वाली धारा को दक्षिण विषुवत रेखीय धारा कहा जाता हैl

मोजांबिक धारा – मेडागास्कर द्वीप के निकट पहुंचने पर दक्षिण भूमध्य रेखीय धारा दो भागों में विभक्त हो जाती है इसकी एक शाखा मेडागास्कर द्वीप के दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है और दूसरी मोजांबिक चैनल में प्रविष्ट होती है मोजांबिक चैनल से होकर बहने वाली धारा मोजांबिक धारा का लाती है यह एक गर्म जलधारा हैl

मेडागास्कर धारा – दक्षिण भूमध्य रेखीय धारा की मेडागास्कर द्वीप के पूर्व तट पर बहने वाली शाखा को मेडागास्कर धारा कहलाती है

अगुलहास धारा – मेडागास्कर द्वीप के परे दक्षिण में मोजांबिक धारा व मेडागास्कर धारा मिलकर एक हो जाती है यह संयुक्त जलधारा आग अगुलहास धारा कहलाती हैl

पछुवा पवन प्रवाह – हिंद महासागर में 40° द. अक्षांश के पास पछुआ हवा के प्रभाव में पश्चिम से पूर्व दिशा में धारा चलती है जिसे पछुवा पवन प्रवाह कहां जाता है पछुवा पवन प्रवाह की एक शाखा ऑस्ट्रेलिया के दक्षिण में बहती हुई निकल जाती है और दूसरी शाखा ऑस्ट्रेलिया के पश्चिमी तट से उत्तर की ओर मुड़ जाती है इस दूसरी शाखा को पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई ठंडी धारा कहते हैं

यह धारा अंत मे दक्षिण भूमध्य रेखीय धारा में मिल जाती है और दक्षिणी हिंद महासागर की धाराओं के चक्र को पूर्ण कर देती हैl

 

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